कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर कौन करेगा भरोसा - अखिलेश
कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर कौन करेगा भरोसा - अखिलेश

मध्य प्रदेश में देखा जाए तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बातचीत शुरू हुई थी। हालांकि किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही यह खत्म हो चुकी है। दोनों राजनीतिक दलों ने अपने-अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। इसके बाद दोनों ओर से शब्द बाण भी एक-दूसरे के खिलाफ चलाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन पर ब्रेक लगने से अखिलेश यादव नाराज है। उन्होंने यह तक कह दिया है कि मध्य प्रदेश में अगर यह गठबंधन नहीं हुआ तो भविष्य में प्रदेश स्तर पर गठबंधन नहीं होगा। कमलनाथ ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का ध्यान लोकसभा चुनाव पर है और अगर यह गठबंधन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में होता है तो अच्छा होता। कमलनाथ ने कहा कि चुनावी साझेदारी (सहयोगियों के साथ) में कुछ जटिलताएं हैं क्योंकि कांग्रेस को स्थानीय स्थिति पर विचार करना होगा। आप भी वहा अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन नहीं होने के बाद जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी भी कांग्रेस पर आक्रामक हो गई है और इसका सीधा कनेक्शन राजस्थान से है।
इंडिया गठबंधन में होने के बाद भी दोनों दलों के बीच राज्य में गठबंधन नहीं हो सका है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगा रहे है। अखिलेश ने कहा कि अगर कांग्रेस (मध्य प्रदेश में) सीटें नहीं देना चाहती थी तो उन्हें यह पहले ही कहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि भारत गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर (संसदीय) चुनाव के लिए है। अगर कांग्रेस का यही व्यवहार रहा तो उन पर भरोसा कौन करेगा? मन में भ्रम लेकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे तो सफल नहीं होंगे।